Income Tax ShareGain: शेयर बाजार में पैसा कमाने का सपना तो हर निवेशक देखता है, लेकिन जब मुनाफा होता है तो सबके मन में एक सवाल जरूर आता है: “अब इस पर कितना टैक्स देना पड़ेगा?” अगर आपके मन में भी यही सवाल है और आप टैक्स के नियमों को लेकर थोड़ा कन्फ्यूज हैं, तो यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए ही है। यहां हम आपको बिल्कुल सीधे और सरल शब्दों में समझाएंगे कि शेयर बाजार से हुई आमदनी पर आपको कितना टैक्स देना होगा और इससे जुड़े सभी जरूरी नियम क्या हैं।
आपको बता दें कि शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर टैक्स का नियम इस बात पर निर्भर करता है कि आपने शेयर को कितने समय के लिए होल्ड किया था और आपने उसे किस तरह से खरीदा-बेचा है। इस आर्टिकल में हम आपको Short-Term Capital Gain (STCG) और Long-Term Capital Gain (LTCG) दोनों पर अलग-अलग विस्तार से बताएंगे, साथ ही Tax Saving के कुछ आसान तरीकों के बारे में भी जानकारी देंगे। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आपको पूरी और सही जानकारी एक ही जगह मिल सके और टैक्स भरते समय आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
शेयर मार्केट में मुनाफे पर टैक्स: पूरी जानकारी हिंदी में
शेयर बाजार से होने वाली कमाई को कैपिटल गेन कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कैपिटल गेन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म। आपके शेयरों को रखने की अवधि के आधार पर ही यह तय होता है कि आपको किस श्रेणी में टैक्स देना है। आइए अब इन दोनों के बारे में विस्तार से समझते हैं।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) क्या है?
अगर आपने किसी शेयर को 12 महीने से कम समय के लिए होल्ड करने के बाद बेचा है और उस पर आपको मुनाफा हुआ है, तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) कहा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पर आपकी आमदनी के स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। यानी आपकी कुल सालाना आमदनी जिस टैक्स स्लैब में आती है, STCG पर भी उसी दर से टैक्स देना होगा।
- उदाहरण: अगर आपका सालाना टैक्स स्लैब 30% है, तो आपके STCG पर भी 30% की दर से टैक्स लगेगा।
- याद रखने वाली बात: STCG की गणना करते समय, Brokerage Charges और Securities Transaction Tax (STT) जैसे खर्चों को घटाया जा सकता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) क्या है?
अगर आपने किसी शेयर को 12 महीने या उससे अधिक समय तक होल्ड करने के बाद बेचा है और उस पर मुनाफा कमाया है, तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, LTCG पर टैक्स की दर 10% है। हालाँकि, इसमें भी एक खास बात यह है कि प्रति साल 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 1 लाख रुपये से अधिक के मुनाफे पर ही 10% की दर से टैक्स लगेगा।
टैक्स बचाने के कुछ आसान तरीके
शेयर बाजार के मुनाफे पर टैक्स देना जरूरी है, लेकिन आप कानूनी तरीकों से अपने टैक्स की बचत भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे:
- 1 लाख की छूट का फायदा उठाएं: LTCG में प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स-फ्री है। अपने निवेश को प्लान करते समय इस छूट का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करें।
- नुकसान को मुनाफे के साथ Adjust करें (Set Off): अगर आपको शेयर बाजार में कहीं नुकसान हुआ है, तो उसे अपने मुनाफे के साथ Adjust कर सकते हैं। Short-Term Loss को Short-Term और Long-Term दोनों तरह के Gains के खिलाफ Adjust किया जा सकता है। वहीं, Long-Term Loss को सिर्फ Long-Term Gains के खिलाफ ही Adjust किया जा सकता है।
- निवेश को लंबे समय तक होल्ड करें: Long-Term Gains पर टैक्स की दर (10%) Short-Term Gains (आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से 30% तक) के मुकाबले कम है। इसलिए लंबे समय तक निवेश करके रखने से आप टैक्स बचा सकते हैं।
टैक्स रिटर्न भरते समय क्या करें?
शेयर बाजार से हुई आमदनी की जानकारी आपको अपने Income Tax Return (ITR) में देनी जरूरी होती है। आपको बता दें कि ITR फॉर्म के Schedule CG में Capital Gains से जुड़ी सारी जानकारी भरी जाती है। यहां आपको अपने Short-Term और Long-Term Gains की पूरी डिटेल दर्ज करनी होगी। साथ ही, अगर आपने कोई नुकसान Adjust किया है तो उसकी जानकारी भी यहां देनी होगी।
शेयर बाजार से मिले मुनाफे पर टैक्स देना एक जरूरी कानूनी प्रक्रिया है। STCG और LTCG के नियमों को अच्छी तरह समझकर और टैक्स बचत के तरीकों का सही इस्तेमाल करके आप न सिर्फ कानून का पालन कर सकते हैं बल्कि अपने निवेश पर होने वाली आमदनी को भी बढ़ा सकते हैं। हमेशा याद रखें, सही जानकारी और थोड़ी सी प्लानिंग आपको एक स्मार्ट निवेशक बना सकती है और आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बना सकती है।