Cibil Score Interest Benefits: क्या आपने कभी सोचा है कि अपना सिबिल स्कोर बार-बार चेक करना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है? अगर आप भी उन लाखों लोगों में से हैं जो लोन लेने या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर देखते रहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। एक आम धारणा यह है कि अपना खुद का स्कोर चेक करने से उस पर बुरा असर पड़ता है, लेकिन क्या वाकई ऐसा है? इस आर्टिकल में हम आपको इस बात की सीधी और स्पष्ट जानकारी देंगे कि सिबिल स्कोर को बार-बार चेक करने से क्या होता है और इसके क्या नियम हैं।
आपको बता दें कि इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपके मन में सिबिल स्कोर को लेकर जितने भी सवाल होंगे, उन सभी के जवाब आपको मिल जाएंगे। हम आपको न सिर्फ इस मिथक की सच्चाई बताएंगे बल्कि यह भी समझाएंगे कि किन परिस्थितियों में आपका स्कोर वाकई कम हो सकता है। इसलिए, अपनी आर्थिक सेहत के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्या सच में बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से स्कोर कम होता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, सीधे शब्दों में जवाब है – नहीं। अपना खुद का सिबिल स्कोर चेक करने, जिसे ‘सॉफ्ट इन्क्वायरी’ (Soft Inquiry) कहते हैं, इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। यह एकदम सुरक्षित है। आप चाहें तो महीने में कई बार भी अपना स्कोर देख सकते हैं और इससे आपके स्कोर में哪怕一点一滴 (एक बूंद भी) की कमी नहीं आएगी। यह कदम आपको अपने क्रेडिट हेल्थ पर नजर रखने में मदद करता है।
फिर स्कोर कम क्यों होता है? असली वजह ‘हार्ड इन्क्वायरी’
असली परेशानी तब शुरू होती है जब आप किसी लोन या नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं। ऐसी स्थिति में बैंक या वित्तीय संस्थान आपका पूरा क्रेडिट रिपोर्ट खींचते हैं, जिसे ‘हार्ड इन्क्वायरी’ (Hard Inquiry) कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर हार्ड इन्क्वायरी आपके सिबिल स्कोर को कुछ अंकों तक कम कर सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई लोन के लिए अप्लाई करना यह संकेत देता है कि आपको पैसों की जरूरत है, जो कि जोखिम भरा हो सकता है।
सॉफ्ट इन्क्वायरी और हार्ड इन्क्वायरी में अंतर
इन दोनों के बीच का फर्क समझना बेहद जरूरी है:
- सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Inquiry): यह तब होती है जब आप खुद अपना स्कोर चेक करते हैं, या फिर कोई कंपनी आपको प्री-अप्रूव्ड लोन का ऑफर भेजने के लिए आपका स्कोर देखती है। इससे स्कोर पर को असर नहीं पड़ता।
- हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry): यह तब होती है जब आप किसी नए कर्ज के लिए आवेदन करते हैं, जैसे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, या एक नया क्रेडिट कार्ड। बैंक आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है और यही आपके स्कोर को थोड़ा बहुत कम कर देता है।
स्कोर को सही तरीके से चेक करने के टिप्स
अपने सिबिल स्कोर पर नजर रखना एक अच्छी आदत है, लेकिन इसे सही तरीके से करना चाहिए:
- मान्यता प्राप्त और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स का ही इस्तेमाल करें। आप सिबिल की ऑफिशियल वेबसाइट या अन्य विश्वसनीय वित्तीय एग्रीगेटर वेबसाइट्स का उपयोग कर सकते हैं।
- एक साल में एक या दो बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर देखें ताकि किसी भी तरह की गलत जानकारी या फ्रॉड का पता चल सके।
- अगर आप जानते हैं कि आपको जल्द ही कोई बड़ा लोन लेना है (जैसे घर या कार के लिए), तो उससे कुछ महीने पहले बार-बार नए क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से बचें। इससे आपके स्कोर पर हार्ड इन्क्वायरी का असर नहीं पड़ेगा और लोन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
सिबिल स्कोर को अच्छा बनाए रखने के आसान उपाय
स्कोर चेक करने के अलावा, इन बातों का ध्यान रखकर आप अपना स्कोर बेहतर बना सकते हैं:
- हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की किश्तों का भुगतान समय पर करें। यह स्कोर बनाने का सबसे अहम तरीका है।
- अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का पूरा इस्तेमाल न करें। कोशिश करें कि आप 30% उपयोग से कम ही रखें।
- एक साथ कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें।
- लंबे समय तक एक पुराना क्रेडिट कार्ड बंद न करें, क्योंकि इससे आपकी क्रेडिट उम्र अच्छी बनी रहती है।
तो अगली बार जब आप अपना सिबिल स्कोर चेक करें, तो बिना किसी डर के करें। याद रखें, खुद अपना स्कोर देखने से आपका स्कोर कम नहीं होता। असली चीज जिससे आपको बचना है, वह है छोटे-छोटे अंतराल में कई सारे नए कर्ज के लिए आवेदन करना। अपने क्रेडिट हेल्थ की नियमित जांच करते रहें और समझदारी से फाइनेंशियल फैसले लें। इससे न सिर्फ आपका सिबिल स्कोर बेहतर रहेगा बल्कि आपको भविष्य में जरूरत पड़ने पर कर्ज लेने में भी आसानी होगी।