FD Scheme Maximum Tenure: क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी मेहनत की कमाई से जमा की गई एफडी पर भी टैक्स लग सकता है? जी हां, अक्सर लोग बिना जानकारी के लंबी अवधि की FD कर देते हैं और बाद में टैक्स के चक्कर में अपनी ही जमा पूंजी का पूरा फ़ायदा नहीं उठा पाते। अगर आप भी FD में निवेश करने की सोच रहे हैं या पहले से ही कर रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि कब आपको अपने FD के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होगा। यह आर्टिकल आपको इसी बारे में सीधा और स्पष्ट जानकारी देगा, ताकि आप सही फ़ैसला ले सकें और अपनी बचत को बढ़ा सकें।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको FD से जुड़े टैक्स के नियमों की पूरी समझ हो जाएगी। हम आपको बताएंगे कि किस तरह की FD पर टैक्स नहीं लगता, कितनी रकम तक की FD सुरक्षित है और किन बातों का ध्यान रखकर आप टैक्स बचा सकते हैं। यह जानकारी आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित हो सकती है, इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ें।
एफडी पर टैक्स कब नहीं लगता है? पूरी जानकारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें, FD पर मिलने वाला ब्याज आपकी सालाना आमदनी में जुड़ जाता है और इसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ के तहत टैक्स के दायरे में रखा जाता है। इसका मतलब है, अगर आपकी कुल सालाना आमदनी टैक्स छूट की सीमा से ज्यादा है, तो आपको FD के ब्याज पर भी टैक्स देना होगा। लेकिन, कुछ खास तरह की FD और कुछ शर्तों के तहत आप इस टैक्स से बच सकते हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं।
टैक्स सेविंग FD (5 साल की FD) का है खास दर्जा
सबसे पहली और अहम बात, टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बहुत से लोग इसके बारे में जानते तो हैं लेकिन इसके फ़ायदों से अनजान हैं। आपको बता दें, Income Tax Act की धारा 80C के तहत, 5 साल की जमा अवधि वाली टैक्स सेविंग FD पर आपको अपने ब्याज पर तुरंत टैक्स छूट नहीं मिलती। हालांकि, आप इस FD में जमा की गई रकम (सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक) पर धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं। यह आपकी टैक्स योग्य आमदनी को कम करने का एक शानदार तरीका है। लेकिन याद रखें, इस FD पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री नहीं होता और उसे आपकी आमदनी में जोड़ा जाता है।
सीनियर सिटिजन FD पर मिलती है राहत
अगर आप एक सीनियर सिटिजन हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। सीनियर सिटिजन को मिलने वाले FD के ब्याज पर टैक्स छूट की एक अलग सीमा होती है। आम लोगों के लिए सालाना 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री होती है, वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजन के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये प्रति वर्ष है। इसका सीधा फ़ायदा यह है कि अगर आपकी कुल आमदनी इस सीमा के अंदर है, तो आपके FD के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह छोटे वर्ग के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की बात है।
TDS का नियम और फॉर्म 15G/15H की अहम भूमिका
बैंक आमतौर पर अगर किसी व्यक्ति के FD का सालाना ब्याज 40,000 रुपये (सीनियर सिटिजन के लिए 50,000 रुपये) से ज्यादा होता है, तो उस पर 10% TDS काटता है। लेकिन, अगर आपकी कुल आमदनी टैक्स योग्य सीमा से कम है, तो आप TDS से बच सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक में फॉर्म 15G (60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए) या फॉर्म 15H (60 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटिजन के लिए) भरना और जमा करना होगा। यह फॉर्म बैंक को यह बताता है कि आपकी आमदनी टैक्स के दायरे में नहीं आती, इसलिए वह आपके ब्याज पर से TDS न काटे। यह एक बहुत ही जरूरी कदम है जिसे अक्सर लोग भूल जाते हैं।
FD की अवधि और ब्याज का टैक्स पर असर
आपको बता दें, FD की अवधि चाहे कुछ भी हो, ब्याज पर टैक्स लगना आपकी कुल सालाना आमदनी पर निर्भर करता है। हां, अगर आप कम समय के लिए FD करते हैं और ब्याज आपकी आमदनी को टैक्स योग्य सीमा से ऊपर ले जाता है, तो आपको टैक्स देना होगा। इसलिए, FD करते समय अपनी कुल आमदनी का हिसाब जरूर लगाएं। अगर आपकी आमदनी कम है, तो आप छोटी अवधि की FD से भी टैक्स फ्री ब्याज का फ़ायदा उठा सकते हैं।
इन बातों का रखें खास ख्याल
- सही समय पर फॉर्म जमा करें: FD शुरू होने से पहले ही बैंक में फॉर्म 15G या 15H जमा कर दें।
- आमदनी का रिकॉर्ड रखें: हमेशा अपनी कुल सालाना आमदनी का हिसाब रखें ताकि पता चल सके कि आप टैक्स छूट की सीमा के अंदर हैं या नहीं।
- बैंक से पूछताछ करें: किसी भी तरह की दिक्कत होने पर अपने बैंक मैनेजर से बात करें और TDS से जुड़े नियमों की सही जानकारी लें।
मीडिया के अनुसार, ज्यादातर लोग FD के टैक्स नियमों से अनजान होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। थोड़ी सी सजगता और सही जानकारी आपको इस परेशानी से बचा सकती है और आपकी मेहनत की कमाई का ज्यादा से ज्यादा फ़ायदा आपको मिल सकता है।
सही जानकारी और थोड़ी सी सावधानी आपके FD निवेश को और भी फ़ायदेमंद बना सकती है। टैक्स सेविंग FD और सीनियर सिटिजन FD जैसे विकल्पों का फ़ायदा उठाकर,以及 सही फॉर्म जमा करके आप अपने ब्याज आमदनी को टैक्स-फ्री रख सकते हैं। याद रखें, एक छोटा सा कदम आपकी ब